
टाइफाइड —एक बैक्टीरिया जनित रोग है.
Salmonell typhi. नामक बैक्टीरिया के मानव शरीर में सँक्रमण करने से होता है.
कारण — टाइफाइड से सँक्रमित रोगी के सँपर्क में आना, दूषित खराब पानी पीते रहना, दूषित अपवित्र भोजन करना, बासे पदार्थ खाना, बगैर धोये बगैर छीले फल खा जाना, नालियों के पानी से धोई गई सब्जियाँ फल खरीद लाना, नाली के पानी से सिञ्चित सब्जियाँ खरीद लाना. बदबूदार अपवित्र माहौल में निवास करना दूकान चलाना…. आदि.
लक्षण —तेज बुखार, मितली, उलटी, दस्त, अपच, पेट दर्द, तीव्र कमजोरी, शरीर पर गुलाबी रेश या बिन्दु नजर आना,… आदि.
यह रोग, सामान्यत: 20 दिन अपना प्रकोप दिखाता है. —वैद्यों का कहना है कि इस रोग में, अन्न खाने का परहेज करें, अन्यथा रोग ——पुन: पुन: लौट आया करता है.
योग्य चिकित्सक से उपचार करवायें.
बार बार टाइफाइड का हो जाना —पैराटाइफाईड कहलाता है. इसे आँतों का टाइफाइड भी कह सकते हैं. पर इस रोग का कारण दूजा बैक्टीरिया है. जिसे ——Salmonella enterica के नाम से जाना जाता है.
मूलत: टाइफाइड एक आँत्र रोग है. अभक्ष, सँक्रमित भोजन पानी ग्रहण करते रहने से, आँतें खराब हो जाती हैं. भीतर, सड़ा बदबूदार मल चिपक के जमा हो जाया करता है.
अत: रोग की कालावधि में लँघन या बिल्कुल हल्का अल्प आहार और, उबला पानी देना ठीक रहता है.
जिस दिन, काला काला बदबूदार मल, शौच में बाहर निकल जाये ——समझो रोग गया.
समुचित देखभाल और उपचार न मिलने पर 10 % से 30 % मामलों में यह safal है.