Infertility: क्या मोबाइल का अधिक इस्तेमाल घटा रहा है प्रजनन क्षमता? पैंट की जेब में फोन रखना कितना खतरनाक

आज के समय में शायद ही कोई होगा जो मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करता हो। अपनी कई तरह की दैनिक जरूरतों के लिए हम मोबाइल फोन पर निर्भर हो गए हैं। मोबाइल फोन्स ने जहां जिंदगी को काफी आसान बना दिया है वहीं इसके कारण होने वाली कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर भी विशेषज्ञ अलर्ट करते रहे हैं।

मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए नुकसानदायक पाया गया है। विशेषतौर पर इससे निकलने वाली नीली रोशनी और रेडिएशन के अध्ययनों में कई दुष्परिणाम बताए गए हैं।

क्या मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल प्रजनन क्षमता की समस्याओं को भी बढ़ा रहा है? यह सवाल अक्सर लोगों के मन में रहता है। कई रिपोर्ट्स भी बताते हैं कि मोबाइल फोन्स से निकलने वाले रेडिएशन स्पर्म क्वालिटी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। क्या वास्तव में मोबाइल इतना खतरनाक है? आइए इस बारे में समझते हैं।

मोबाइल फोन कम कर रहे हैं प्रजनन क्षमता?

अध्ययनों की रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले आधी सदी में पुरुषों की प्रजनन क्षमता, शुक्राणुओं की संख्या में कमी जैसे मामले बढ़े हैं। इसके लिए विशेषज्ञ पर्यावरण और जीवनशैली के कई कारकों को जिम्मेदार मानते हैं। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि लो-लेवल रेडियोफ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिव फील्ड का उत्सर्जन करने वाले मोबाइल फोन्स के कारण भी पुरुष प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

स्विस लोगों पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग के साथ शुक्राणुओं की सांद्रता और इनकी संख्या में कमी आई है।

हालिया अध्ययन में इन संबंधों से किया इनकार

हालांकि इससे संबंधित अन्य अध्ययन इन तथ्यों से इनकार करते हैं

हाल ही में वैज्ञानिकों की एक टीम ने मोबाइल से ब्रेन कैंसर के खतरे की जांच की। जिसमें पाया गया कि मोबाइल का उपयोग भले ही कई मामलों में नुकसानदायक है पर इससे मस्तिष्क में कैंसर का जोखिम नहीं होता है। विशेषज्ञों की टीम ने ये भी जानने की कोशिश की कि क्या मोबाइल से निकलने वाले तरंग स्पर्म क्वालिटी को प्रभावित करते हैं?

ऑस्ट्रेलियन रेडियन प्रोटेक्शन और परमाणु सुरक्षा एजेंसी में विशेषज्ञ प्रोफेसर केन कारिपिडिस कहते हैं, फोन और शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है। रेडियो तरंगों के संपर्क की अधिक सीमा वाली कुछ महिलाओं में जन्म के समय बच्चे के अधिक वजन की दिक्कतें जरूर रिपोर्ट की गई हैं।

पैंट की जेब में फोन रखना खतरनाक?

मोबाइल फोन्स को लेकर एक चर्चा ये भी रही है कि पैंट की जेब में (जननांगों के अधिक पास) फोन रखने से भी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि पैंट की जेब में फोन रखने और वीर्य की गुणवत्ता में कमी के बीच भी कोई संबंध नहीं है।

विशेषज्ञ कहते हैं, मोबाइल से प्रजनन पर असर के बीच के संबंधों को स्पष्ट करने के लिए और अधिक और विस्तृत शोध की आवश्यकता है।

क्या है निष्कर्ष?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अभी तक के परिणाम काफी मिले-जुले देखे गए हैं। कुछ अध्ययन मानते हैं कि मोबाइल फोन्स प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं जबकि कुछ इससे इनकार करते हैं। हालांकि सुरक्षात्मक दृष्टि से मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल ही सुरक्षित है। मोबाइल आपकी शारीरिक निष्क्रियता बढ़ा देते हैं, जिसे स्षप्ट तौर पर प्रजनन विकारों के लिए बड़ा कारण माना जाता रहा है। इसलिए मोबाइल पर रोजाना बीतने वाली अवधि को कम करना संपूर्ण स्वास्थ्य में लाभकारी हो सकता है।

 

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