जाने क्यों खाई जाती है शरद पूर्णिमा में खीर/  Jaane kyo khai jati hai Sharad purnima me kheer

 

जाने क्यों खाई जाती है शरद पूर्णिमा में खीर/  Jaane kyo khai jati hai Sharad purnima me kheer

Sharad Purnima 2024 Kab Hai: शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में खीर रखी जाती है. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को आसमान से अमृत की बूंदें गिरती हैं, जिससे वह खीर औषधियुक्त हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य को लाभ मिलता है.

शरद पूर्णिमा का पावन पर्व कब है? इस साल शरद पूर्णिमा की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को है या 17 अक्टूबर को? व्रत, त्योहार आदि के लिए उदयातिथि की मान्यता है. शरद पूर्णिमा के लिए आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का होना जरूरी है. शरद पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान और फिर दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में खीर रखी जाती है. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को आसमान से अमृत की बूंदें गिरती हैं, जिससे वह खीर औषधियुक्त हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य को लाभ मिलता है. शरद पूर्णिमा की सही तिथि क्या है? इस बारे में विस्तर से जानें?

इस वर्ष शरद पूर्णिमा के लिए आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात्रि 8:40 बजे से प्रारंभ होगी. यह तिथि 17 अक्टूबर को सायं 4:55 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के आधार पर देखा जाए तो आश्विन पूर्णिमा 17 अक्टूबर को है. लेकिन शरद पूर्णिमा के लिए चंद्रमा का आश्विन पूर्णिमा तिथि में होना आवश्यक है.

 

ऐसी स्थिति में आश्विन पूर्णिमा तिथि 17 अक्टूबर को शाम को समाप्त हो रही है. 16 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय होगा और पूरी रात चंद्रमा विद्यमान रहेगा. ऐसे में इस वर्ष शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर, बुधवार को है. यही इसकी सही तिथि है.

शरद पूर्णिमा 2024 मुहूर्त

16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर रखने का विधान है. शरद पूर्णिमा पर शाम 5:05 बजे चंद्रमा उदय होगा. उस दिन सूर्यास्त शाम 5:50 बजे होगा.

 

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Sharad purnima 2024 kab hai: इस समय होगी अमृत की बारिश, जानें खीर खाने का सही समय 4

शरद पूर्णिमा 2024 पर खीर रखने का समय

शरद पूर्णिमा पर शाम 7:18 बजे से रेवती नक्षत्र शुरू हो रहा है. रेवती नक्षत्र को शुभ माना जाता है. आप शरद पूर्णिमा की खीर शाम 7:18 बजे के बाद रख सकते हैं. हालांकि, शरद पूर्णिमा की रात को जब चांद पूरी तरह से दिखाई देने लगे और उसकी किरणें आप तक पहुंचने लगें, तब खीर बनाकर खुले में रख दें.

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